कमाल का ताना मिला है मुझे,
जिस माँ ने कभी सिखाया ही नहीं छोड़ना,
बल्कि धैर्य और घर जोड़कर रखने की प्रेरणा दी,
आज वही बातें ताने बनकर सुनाई देती हैं।
अपनों से ही शिकवे मिलते हैं,
कैसे सीख गई मैं ये सब माया?
जबकि माँ ने तो हमेशा यही कहा था –
“बेटी, टूटकर नहीं… जोड़कर जीना ही सच्ची साधना है।”
- archana