रोए गोपी, रोए मैया
रोए राधा, रोए कन्हैया
रोए गोपी, रोए मैया
रोए राधा, रोए कन्हैया
टूटे रिश्ते , छूटे रिश्ते
बेला विरह की आई रे।
छोड़ कर सब जा रहा कान्हा,
आज गोकुल से हुई जुदाई रे।
रोए गोपी, रोए मैया
रोए राधा, रोए कन्हैया
रोए गोपी, रोए मैया
रोए राधा, रोए कन्हैया
आजतक आंचल में छिपा, लल्ला हुआ पराया रे।
मन चित हरने वाला मोहन ,
देखो मथुरा जाए रे।
टूटे रिश्ते , छूटे रिश्ते
बेला विरह की आई रे।
रोए गोपी, रोए मैया
रोए कृष्ण कन्हाई रे।
गोपियों संग रास रचाने वाला,
देखो लेता आज उन्हीं से विदाई रे।
ग्वालों संग गैया चराने वाला,
देखो आज सबको रुलाए रे।
कल तक जो था आंखों का तारा,
आज आंखों से ओझल होता जाए रे।
देखो देखो देखो मोहन
कितना हमें सताए रे।
टूटे रिश्ते , छूटे रिश्ते
बेला विरह की आई रे।
छोड़ कर सब जा रहा कान्हा,
आज गोकुल से हुई जुदाई रे।
टूटे रिश्ते , छूटे रिश्ते
बेला विरह की आई रे।
रोए गोपी, रोए मैया
रोए कृष्ण कन्हाई रे