इस्लाम के अंधभक्त ☪️
मुसलमान सख्त सजा के डर में जीते हैं। गुस्साए मुसलमान कभी भी तर्को को चुनौती नहीं देते हैं, वे तर्क पर विवाद नहीं करते, वे तो बस उस चीज से डराते है, जिससे वे खुद बहुत डरते हैं। वह चीज है जहन्नुम। कुरान में जो थीम सर्वाधिक आई है, वह है जहन्नुम। जहन्नुम का उल्लेख लगभग 200 बार, इसके बाद कयामत के दिन का उल्लेख लगभग 163 बार और 'फिर से जी उठने ' का उल्लेख 47 बार किया गया है। मुसलमानों में जहन्नम यानी दोजख का भय इस कदर बिठा दिया जाता है कि इस्लाम पर सवाल उठाने की कल्पना भर से वे कांप जाते हैं।