📚✨ कभी दोस्ती ज़हर भी होती है — बस मीठा लिबास ओढ़े होती है।
क्या आपने कभी ऐसा दोस्त झेला है जो हमेशा आपसे लेता रहा—समय, पैसा, भरोसा… और जब आपने ‘ना’ कहा, तो वही आपको सबसे बुरा इंसान बना गया?
तो #Phokatiya आपके लिए है।
यह सिर्फ एक कहानी नहीं, हर उस इंसान की आवाज़ है जिसने रिश्तों में खुद को खोया, मगर फिर खुद को वापस पाया।
👤 राजीव की कहानी उस कड़वे सच को उजागर करती है जिसे हम अक्सर मज़ाक में टाल देते हैं—“फोकट में लेने वाला दोस्त”, जो कभी इमोशनली सपोर्ट नहीं करता, मगर हर वक्त आपके भरोसे को कैश करता है।
📖 इस बुक में आपको मिलेगा:
✅ रिश्तों की असल पहचान
✅ आत्म-सम्मान की ताक़त
✅ “ना” कहना सीखने की हिम्मत
✅ और एक हीरो, जो किसी को हराकर नहीं, खुद को समझकर जीतता है
💥 Best Quote:
“मैंने माफ़ किया, क्योंकि बदला लेकर मैं खुद को फिर से ज़ख्मी नहीं करना चाहता था।”
🎯 अगर आपने कभी toxic दोस्ती का सामना किया है या अभी भी उसमें उलझे हैं — फोकटिया वो आईना है जो आपको अपना असली चेहरा दिखाएगा।
📦 Order now. पढ़िए, सोचिए, और आगे बढ़िए।
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