भाग ३३: “विवेक की जीत – प्यार की नई राह”
विवेक और उसकी पत्नी ने फैसला किया कि वे एक-दूसरे के लिए समय देंगे।
छोटे-छोटे पल जोड़ेंगे, जो प्यार के बड़े पुल बनेंगे।
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परिवार की सोच में बदलाव
विवेक के परिजन भी धीरे-धीरे मानने लगे कि रिश्ता सिर्फ नाम का नहीं, भावना का होता है।
एक दिन मम्मी ने कहा —
> “मैंने देखा है तुम्हारे चेहरे की खुशी।
शायद प्यार वक्त मांगता है, लेकिन आता जरूर है।”
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आरुषि और अर्जुन का आशीर्वाद
आरुषि ने कहा —
> “प्यार की असली ताकत तब आती है जब हम धैर्य और समझदारी से काम लें।”
अर्जुन ने जोड़ा —
> “और जब दो लोग सच में चाहते हैं, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।”
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दोनों के बीच बढ़ता रिश्ता
विवेक और उसकी पत्नी ने साथ में छुट्टियां बिताईं, छोटे-छोटे गिफ्ट दिए, और एक-दूसरे की पसंद-नापसंद समझी।
हर दिन उनका रिश्ता थोड़ा और गहरा होता गया।
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🌟 जारी रहेगा…
💡 सीख:
> प्यार के लिए धैर्य और समझना सबसे बड़ा मंत्र है।
अब बताओ…
क्या आप देखना चाहते हैं कि विवेक की कहानी कैसे आगे बढ़ेगी?
क्या उनके बीच के रिश्ते में और मजबूती आएगी?
और क्या अर्जुन-आरुषि इस सफर में उनकी मदद करेंगे?