📚 एक और किताब जुड़ गई है मेरी लेखनी की दुनिया में!
मैं बेहद खुशी और गर्व के साथ आपको बताना चाहता हूँ कि मेरी नई हिंदी किताब “फोकटिया” अब जल्द ही आपके सामने होगी। यह किताब सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि एक अनुभव है — उन रिश्तों का, जो हमारे जीवन में तो होते हैं, लेकिन हमारी आत्मा को धीरे-धीरे खोखला कर देते हैं।
“फोकटिया” एक ऐसी कहानी है जो एकतरफा दोस्ती, आत्मसम्मान और मानसिक संघर्ष की परतें खोलती है। यह उन लोगों की आवाज़ है, जो सालों तक चुपचाप रिश्तों को निभाते रहते हैं, बिना सवाल किए, बिना शर्त दिए जाते हैं… और बदले में केवल खामोशी, उपेक्षा या फिर धोखा पाते हैं।
इस उपन्यास का नायक राजीव, हमारे बीच का ही एक आम इंसान है — भावुक, सच्चा, और रिश्तों को दिल से निभाने वाला। लेकिन जब वही रिश्ते उसकी पहचान और आत्मसम्मान को निगलने लगते हैं, तो वह खुद से एक लड़ाई लड़ता है। यह कहानी उसी आत्म-खोज की यात्रा है।
हम सब की ज़िंदगी में कभी न कभी ऐसा कोई रिश्ता ज़रूर आता है, जो हमें सीख देता है कि खुद से प्यार करना भी ज़रूरी है। “ना” कहना कमजोरी नहीं, बल्कि साहस है। और अगर कोई रिश्ता आपकी आत्मा को चोट पहुँचाए, तो उससे दूरी बना लेना आत्मरक्षा है।
“फोकटिया” का मकसद केवल एक कहानी सुनाना नहीं, बल्कि आपको सोचने पर मजबूर करना है — कि आप किसे और क्यों अपने जीवन में जगह दे रहे हैं।
📖 यह किताब जल्द ही @amazon, @flipkart और @notionpress पर उपलब्ध होगी, पेपरबैक और ई-बुक फॉर्मेट में।
अगर आपने कभी ऐसा रिश्ता निभाया है जहाँ आप ही सिर्फ देते रहे, तो यह किताब आपकी अपनी कहानी है।
आप सभी का स्नेह, समर्थन और भरोसा ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। आइए, इस नई यात्रा में भी साथ चलें।
#Phokatiya को पढ़िए, महसूस कीजिए, और उन सभी अनकही बातों को आवाज़ दीजिए जो आप कभी कह नहीं पाए।
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