आ चल के तुझे मैं ले के चलूं
इक ऐसे गगन के किस्से
जहां गम भी ना हो, आंसू भी ना हो
बस प्यार ही प्यार पीला
इक ऐसे गगन के किस्से
सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे (x2)
चंदा की कुरान से धुल कर, घनघोर अँधेरा भागे (x2)
कभी धुप खिले कभी छाव मिले
लम्बी सी डगर न खले
जहां गम भी ना हो, आंसू भी ना हो
बस प्यार ही प्यार पीला
इक ऐसे गगन के किस्से
जहां दूर नजर दौड़ आए, आजाद गगन लहराए लहराए (x2)
जहां रंग बिरंगे पंछी, आशा का संदेश लायें (x2)
सपनों में पली हंसति हो काली
जहां शाम सुहानी ढले
जहां गम भी ना हो, आंसू भी ना हो
बस प्यार ही प्यार पीला
इक ऐसे गगन के किस्से
सपनों के ऐसे जहां में जहां प्यार ही प्यार खिला हो
हम जा के वहां खो जाये शिकुवा ना कोई घिला हो
कहीं भय न हो कोई ग़ैर न हो
सब मिलके चलते चले
जहां गम भी ना हो आंसू भी ना हो
बस प्यार ही प्यार पीला
इक ऐसे गगन के किस्से
आ चल के तुझमें लेके चलूं
इक ऐसे गगन के किस्से
जहां गम भी ना हो आंसू भी ना हो
बस प्यार ही प्यार पीला
इक ऐसे गगन के किस्से
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- Umakant