“जिंदगी के सफर में गुजर जातें है वो मकाम फिर नहीं आते “
फूल खिलते हैं
लोग मिलते हैं
फूल खिलते हैं
लोग मिलते हैं मगर
पतझड़ मैं जो फूल
मुरझा जाता है
वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग एक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं
वो हजारों के आने से मिलते नहीं
उमर भर चाहे कोई पुकारे उनका नाम
वो फिर नहीं आते
वो फिर नहीं आते
जिंदगी के सफर में
गुजर जाते है जिंदगीजो मकाम
वो फिर नहीं आते
वो फिर नहीं आते
आंख धोखा है
क्या भरोसा है
आंख धोखा है
क्या भरोसा है सुनो
💕
- Umakant