सुविचार
जैसी करनी वैसी भरनी
यक़ीन ना हो तो कर के देख ।
जन्नत भी हैं जहन्नुम भी
यकीन ना हो तो मर के देख ॥
जैसा बीज बोओगे,
फल वैसा ही पाओगे,
गर रुला जो दोगे किसी को तुम,
तो खुद कैसे हंस पाओगे! ?
दुआएँ माँगने से किसका भला होता है?
हमें मिलता वही है जो हमने बोया होता है !
जो किसी को रुलाएँगे,वह भी चेन से नहीं सो पाएँगे,
क्योंकि किये हुए कर्मों का फल वह भी पाएँगे..॥
🙏
- Umakant