स्त्री बिक जाती है
प्यार के दो बोल से
पति के कह देने भर से
आज खाने में मजा आ गया
बच्चे जब कहते है
मां मुझे समझती है
वो दुगने उत्साह से
जुट जाती है
उनकी पसंद को खोज लाती है
सास जब कहती है
मेरी बहू औरो सी नहीं
वो अपनी मां को उस दिन भूल जाती है
सास से दिल का रिश्ता निभाती है
सच में औरत बहुत सस्ते में बिक जाती है
प्यार के दो बोल को तरस जाती है
बस खोजती है अपने सम्मान को
कभी पति की आंखो में
कभी बच्चो के सपनो में
ओर कभी रिश्तों ओर अपनो में
वो सब को देख खुश हो लेती है
बिना विटामिन खाए जी लेती है
सब को मुस्कराया देख खुश हो लेती है
उनके खिले चेहरे में खुद को संजो लेती है
औरत को देह से अलग जान पाओगे
तो सही मायनों में उसके प्यार को पाओगे
वो खुद को मिटा कर भी खुश होती है
दर्द झेलकर भी जिंदगी देती है... 💞