प्रेम का अंत तब नहीं होता जब वो बिछड़ते हैं, प्रेम का अंत तब होता है जब एक समझ नहीं पाता और दूसरा समझा नहीं पाता !
जब दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं, तो वो रिश्ता कभी टूटता नहीं, बस कभी-कभी दूरियां आ जाती हैं और समझने की कोशिशें कम पड़ जाती हैं!
प्रेम का असली स्वरूप यही है कि वो कभी खत्म नहीं होता, बस कभी-कभी वो अपना रूप बदल लेता है और हमें समझने में थोड़ा समय लग जाता है l
शुभ प्रभात
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- Umakant