मैं और मेरे अह्सास
बात करने की निगाहों ने की सिफारिश l
वर्ना होने लगेगी आँखों से तेज़ बारिश ll
महफिल में यार दोस्तों से छुपाकर भी l
हर हाल में करेगे मुकम्मल ख्वाहिश ll
बहुत हो चुका अब आँख मिचोली खेलना l
दो पल की मुलाकात को करेगे साज़िश ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह