शायरी
एक जगह जींसें हम सूकुन केहते है…!
हाथ तेरा थाम हम यूही चल देते…!
भूल जाते हैं ग़म जीवन के सारे हम …!
जब यूहीं आप पास हमारे होते है…!
खील जाती है कलिया सारी महेंक जाती हु…!
जब जीवन की लकीरों में नाम तेरा पढ़ लेते है …!
कर दीया है जब तो सारा जीवन तेरे नाम हमने…!
तुं बेइंतहा बरस हम बस यही आग़ाज़ बार-बार करते है…!
💕
- Umakant