तेरे झूठे वादों से खुश थी
तेरे हर झूठ को सच समझती थी
जानती थी तू मेरे साथ दो कदम भी नहीं चलेगा
फिर भी तेरे साथ चलने को मैं थी
तेरे ना ना में भी अपनी हाँ बना कर चलती थी
मेरे msg या phn को ignore कर के दोस्तों के साथ वक़्त बिताना
वो भी हस्ते हुए अपना लिया मैंने
पर आज एक मज़ाक क्या किया मैंने
तुमने तो मुझे तोड़ ही दिया 💔💔
- SARWAT FATMI