हर बात की कोई कहानी नहीं होती, हर धुन की मीरा दीवानी नहीं होती, कुछ रिश्तों का कोई नाम नहीं होता, कुछ रिश्तों की कोई निशानी नहीं होती।
किसी की बातों में अब दिल नहीं लगता, किसी की यादें कभी पुरानी नहीं होती, टुकड़ों - टुकड़ों में सबको जीना पड़ता है, संग हमेशा किसी के जवानी नहीं होती।
अपनों के लिए कभी वक्त नहीं है, गैरों की महफ़िल कभी वीरानी नहीं होती, तिनके-तिनके से घर बना करता है, अपनों से अपनों को परेशानी नहीं होती।
- pooja