वो मुझसे कहते हैँ के
तुम शिकायत क्यों नहीं करती
मैं काफ़ी देर चुप रही
उन्होंने मेरी चुप्पी को भी नहीं समझा
शिकायते,खमोशिया,अपने होने का एहसास जब तक होता हैँ
तब तक हम उनसे शिखायत करते हैँ, लड़ते हैँ
पर उनसे मिली नज़रअंदाजी से हम बिखरते हैँ
चल तु उन सभी को खुशियां दे
मैं तन्हा ही खुश हूँ
खुद से शिकायत कर के खुश हूँ
खुद मे बिखर मैं.... खुश हूँ
- SARWAT FATMI