🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
ए लड़की.हर रात उतरने देता हूं सीने
में जहर उन बीते लम्हों की"
उन यादों का जिनमें सुकून तुम्हारे
साथ बिताए पलों का है,
जो याद दिलाता है एहसास तुम्हारी
छुअन का’ जो होता था मरहम
मेरे उन घावों का जिन्हें आँखें कभी
देख नहीं सकती थीं,
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हर रात उतरने देता हूँ सीने में ज़हर
उन बीते लम्हों की यादों का जिनमें
शामिल तुम्हारे लबों की वो हंसी भी
है जो अज़ीज़ थी मुझको मेरी साँसों
से भी ज्यादा,
सोचता था अक्सर देख कर आंखें
तुम्हारी कि कितने गहरे उतर चुके थे
हम अपनी मोहब्बत के समंदर में,
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हर रात उतरने देता हूँ सीने में ज़हर
उन बीते लम्हों की यादों का जिनमें
खनकती गूंज हमारे किए वादों
की भी है"
जो ज़िन्दा है मुझमें बनकर सांसें
नहीं देती है बिखरने मुझको,
कहीं मैं भी तेरी तरह" अनसुनी कर
धुन धड़कनों की,
शोर में दुनिया के गुम ना हो जाऊं,
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और हर रात उतरने देता हूं सीने में
ज़हर उन बीते लम्हों की यादों का
क्यूंकि ये ज़हर इस बात की गवाह
भी है कि"
मुद्दतों कामिल जो दुआ होती है
उसकी क़ीमत बेहिसाब और जो
ना कर सके अदा तो सज़ा भी
लाजवाब होती है..🔥
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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