“ज़िन्दगी सिर्फ़ मुहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़ुल्फ़-ओ-रुख़सार की जन्नत नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क़ ही एक हक़ीकत नहीं कुछ और भी है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
मैंने तुमसे ही नहीं सबसे मुहब्बत की है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको”
💕
- Umakant