कुछ पुरुषों का
स्त्री के नजदीक आने का मतलब
यह नहीं होता कि
वो उनसे देह सुख पाना चाहते हैं ।
हाँ यह सच जरूर होता है कि
उनको अच्छी स्त्री का साथ पसन्द होता है,
परन्तु जरूरी नहीं कि
यह साथ देह की तरफ ले कर जाये ।
बहुत से पुरुष अपने एकाकीपन की वजह से,
या फिर मन की भावनाओं को
साझा करने के उद्देश्य से,
या फिर एक ऐसी मित्रता के लिये
स्त्री से सम्बन्ध रखना चाहते हैं
जिस रिश्ते में स्त्री पुरुष का मतभेद ही न हो ।
बस वो अपने ह्रदय को
किसी के आगे खोल कर रख देना चाहते हैं ।
और एक खास बात यह भी है कि
ऐसे साफ दिल के ज़्यादातर पुरुषों का
मित्रता निवेदन
स्त्रियों द्वारा स्वीकार भी नहीं होता है ।
क्योंकि
इन पुरुषों के निवेदन में चतुराई नहीं होती,
फरेब नहीं होता और
आजकल बिना इन संसाधनों के
स्त्री के मन पर कब्जा नहीं किया जा सकता ।
चतुर व फ़रेबी पुरुष
किसी न किसी तरीके से स्त्रियों को
अपने मकड़जाल में अवश्य फँसा लेते हैं ।
वो किसी एक स्त्री का
इतना इन्तेज़ार भी नहीं करते
क्योंकि उनको उनसे
कोई ह्रदय सम्बन्धित जुड़ाव नहीं होता ।
जिस पुरूष का किसी स्त्री से जुड़ाव
यदि ह्रदय तल से हुआ है तो
वो उसके लिये इन्तज़ार करता है ।
कितना इन्तज़ार ?
यह तो किसी को मालूम नहीं...
GOOD MORNING
MY DEAR PRAHET