"हवाओं को आने दो"
हवाओं से कह दो
खो ना जाए अब

हवा की जरूरत है
बारिश हुई है कम

हवाएं चलने लगी
उमड़-घुमड़ कर छाए बादल

बारिश का था इंतजार
आने लगी है बारिश

बारिश से पोषण मिले
आने दो बारिश

धरती है सुखी प्यासी
बारिश में भीगती धरती

बारिश से नदियां बहती
पौधों भी खिल उठेंगे

बारिश की हर एक बूंद में
सोना चमकता है

प्रकृति की पुकार सुन ले
गिरने वाली हर बूंद को संजोए

बारिश है नया जीवन
हवाओं को आने दो

नई आशाएं लाती है हवाएं
हवाओं को आने दो

पर्यावरण में सुधार के लिए
करना होगा प्रयास

बीती बातों को भूल जाओ
हवा के साथ बारिश को आने दो

हवाओं से कह दो
खो ना जाए अब

हवा की जरूरत है
बारिश को हर जगह आने दो
- कौशिक दवे



- Kaushik Dave

Hindi Poem by Kaushik Dave : 111948148
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now