मैं और मेरे अह्सास

कृष्णप्रिया बाँसुरी कृष्णा को पुकारे हैं l
जमना तट पर मिलने को बुलाये हैं ll

दिलों हचमचानेवाले सुरों को छेड़ l
रसीले नशीले रागिनी से झुलाये हैं ll

सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

English Shayri by Darshita Babubhai Shah : 111946343
New bites

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