नमन नमन में भेद है बहुत नमें नादान।
दगा बाज दुणा नमैं चीता चोर कमान।।
भावार्थ- अलग-अलग व्यक्ति अलग-अलग ढंग से नमन करते हैं। अतः सबके नमन करने में भिन्नता होती है, धोखेबाज , चोर और कमान और भी ज्यादा झुकते हैं। किन्तु इन सबका झुकना किसके लिए लाभकारी होता हैकबीर, गुरु-गुरु में भेद है, गुरु-गुरु में भाव । सोइ गुरु नित बन्दिये, शब्द बतावे दाव ॥
- Umakant

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