“हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था
व्यक्ति को मैं नहीं जानता था
हताशा को जानता था

इसलिए मैं उस व्यक्ति के पास गया
मैंने हाथ बढ़ाया
मेरा हाथ पकड़कर वह खड़ा हुआ

मुझे वह नहीं जानता था
मेरे हाथ बढ़ाने को जानता था
हम दोनों साथ चले

दोनों एक दूसरे को नहीं जानते थे
साथ चलने को जानते थे।”

साथी हाथ बढ़ाना साथी रे
एक अकेला थक जाएगा
मिलकर बोझ उठाना
🙏🏻
🕺

Hindi Motivational by Umakant : 111943154
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