तेरी यादों की ग़ज़ल गा रही हुं,
हर शब्दों में तेरा ही नाम जिक्र कर रही हूं.....

दिल की बातें बयां करती हुं आजकल शायरी में,
तेरे बिना जीना, यही अब तकदीर बना रही हुं.....

तेरी यादों के साथ रातें बिताने लगी हुं
तेरी ख़ुशबू को अपने सांसों में बसाने लगी हूं.....

तेरी आँखों की जरूरत सजा रही हुं
तेरे बिना जीना, यही अब लकीर बना रही हूं....

मोहब्बत की राहों में गुम हो गई हुं
तेरी यादों को भूला जाऊं खुदा से दुआ माँग रही हूं....

-Manshi K

English Blog by Manshi K : 111940892
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