"अंधेरी गली से उजालें की तरफ़ "
अंधेरी गलियों से निकलना है
भगवान जगन्नाथ को देखना है
आज अंधेरा सब जगह छाया है
अंधेरे में सब भटक जाते हैं
रास्ता कौन दिखलायेगा?
नहीं मिलता कोई सच्चा संत
हमें ही उजाले की तरफ़ जाना है
आज जगन्नाथ के दर्शन करना है
यदि न हो सके जगन्नाथ के रथ का दर्शन
हमें मन ही मन प्रभु के गुण गाना है
आज जगन्नाथ के दर्शन भी
मन में स्मरण करते देखना है
अंधेरी गलियों से निकलना है
भगवान जगन्नाथ को देखना है
भगवान जगन्नाथ के दर्शन करना है
- जय जगन्नाथ 🙏
- कौशिक दवे
-Kaushik Dave