विषय - अफसाना प्यार का
अकेले जिंदगी बहुत काट ली,
अब मिलकर साथ बितायेंगे।
प्रेम अगर दोनों तरफ से है तो,
मिलकर प्रेमगीत हम गायेंगे।।
तुम और मैं को साथ जोड़कर,
हम में एकासार हो जायेंगे।
नहीं रहेंगी फिर बीच में दूरियां,
एक दुनियां नई हम सजायेंगे।।
जुदाई की रातें बहुत काट ली,
अब हाले दिल तुम्हें बताएंगे।
अपनी बेकरारी का आलम,
साजन तुम्हें हम सुनायेंगे।।
बेताबी इस दिल पर छाई थी,
कि कब तुम मिलने आओगे।
पतझड़ से ये बीत रहे थे दिन,
तुम बारिश बन कब छाओगे।।
इंतजार में तुम्हारे साजन,
दिल दिमाग बैचेन रहता था।
दिल की धड़कन सुन पाओगे,
पागल दिल ये रोज कहता था।।
इंतजार की घड़ियां समाप्त हुई,
मिलन हो गया हमारा तुम्हारा।
दूर कभी न,अब जाना हमसे,
बांधना ऐसे बंधन में तुम यारा।।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री