विषय - सफर
जिंदगी की इस भाग दौड़ में,
एक साथी ऐसा मिल जाए।
हाथ पकड़कर साथ चले वो,
तो सफर आसान हो जाये।।
भीड़ से भरी इस दुनियां में,
एक वही मेरा अपना हो।
दुख दर्द जिससे बांट सकूं मैं,
बस उससे दिल का कहना हो।।
गलत सही हर फैसलों पर,
उसका हमेशा साथ बना हो।
हिम्मत मेरी वह बनकर,
गलत में भी मेरे साथ खड़ा हो।।
ऐसा साथी या हमसफर,
जिसके जीवन में आता है।
जिंदगी का हर एक पड़ाव,
आसानी से कट जाता है।।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री