किया है प्यार जिसे हमने …….
किया है प्यार जिसे हम ने ज़िंदगी की तरह
वो आश्नाा भी हम से अजनबी की तरह
किसे खबर थी बढेगी कुछ और तारीकी
छुपेगा वो किसी से चाँदनी की तरह
बढा के प्यास मिरा उस ने हाथ छोड़ दिया
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल-लगी की तरह
सितम तो ये है कि वो भी न बन सका अपना
क़ुबूल हमने किए जिस के ग़म ख़ुशी की तर
कतील शिफाई
💕