विषय - एक पथिक
लक्ष्य जीवन का निर्धारित करके,
उस राह पर निरंतर चलते जाओ।
मंजिल को अगर पाना है तो,
व्यर्थ के कामों में समय न गवाओ।।
संजोए होंगे तुमने कई स्वप्न सुनहरे,
हकीकत से उसे रूबरू कराओ।
सफर की रात एक दिन ढल जायेगी,
सूरज की किरणों से अपना पथ सजाओ।।
लक्ष्य प्राप्ति की राह में से,
रुकावट,बांधाओं को परे हटाओ।
बिना रुके और बिना थके हारे,
अडिग हो परिश्रम से विजय पाओ।।
एकाग्रता, दृढ़शक्ति की हिम्मत से,
अपने अंदर आशा की लौ जलाओ।
अपने मजबूत बुलंद हौसलों से,
दुनियां के लिए एक मिसाल बन जाओ।।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री