અજાણ્યો પત્ર - 10
मैं दो राहों पे खड़ा एक निसहाय लड़का हूं, जहां एक तरफ मौत खड़ी मुझसे महोब्ब्त जता रही है, तो दूसरी और तुम्हारा छल से भरा प्रेम मुझे अपने पास बुला रहा है, अब मैं अपना सारा जीवन तुम्हारे हाथों में सौंपता हूं, तुम चाहो तो मुझे अपना बना लो या मौत के साथ मुझे जीना सिखा दो।
-Nilesh Rajput