जिनके सोच में मोच और मन में खरोंच होते हैं, उन्हें अपने अलावा सबमें दोष नजर आते हैं। उन्हें किसी की बातों में कोई इंट्रेस्ट नहीं होता और जज्बातें तभी समझ आतीं हैं, जब सामने वाले के मन में कोई दोष हो। इसलिए घटिया लोग अच्छे लोगों या मूर्खों को अपना बनाते हैं और महामूर्खों (ज्यादा अच्छा या साफ दिल) का इस्तेमाल करते हैं।
-Riya Jaiswal