ग्रीष्म
गरमी की छुट्टी आई कूलर पंखा साथ लाई
बच्चे कहे कहा खेले हम जब खेल के मैदान में निकले दम
पीले फूलों से सजा गरमाला ग्रीष्म के गले में आई वरमाला
जन जन को है छाया से निस्बत छांव की तो खुली किस्मत
रास्ता हुआ सुमसाम जैसे लोग हुए गुमनाम
याद आए बचपन की पल सुनकर जब स्कूल में होगी छुट्टी कल
आज अब आए शहर को हम तब याद सताए गांव का गम
सही में गर्मी की छूटी आई साथ ढेर सारी खट्टी मीठी याद लाई
धन्यवाद
-Shree...Ripal Vyas