चेहरे पर सजाए रखिए मुस्कान
आज नहीं तो कल, मुश्किलें होंगी आसान।
सीने पर क्यों रखना इतना बोझ
समय रहते मन की गांठे खोल।
ना समझ सबको अपना हमदर्द
वक्त पड़ने पर साया भी साथ छोड़ देता है अक्सर।
क्यों खुशियों की तलाश में भटकता है दर-बदर
थोड़ा ठहर..देख...खुशियां तो हैं तेरे मन के भीतर ।
हर वक्त क्यों थिरकना ख्वाहिशों की डोर पर
कभी कुछ फुर्सत के लम्हें तो बिता अपने संग।।
सरोज ✍️
-Saroj Prajapati