प्यार के इस ख़ूबसूरत मौसम में.....
जहाँ बारिश की फुहारों ने भीगा दिया है ये समां,
गुलाब की खुशबू ने महका दिया है ये जहां.....
हम शुरु करेंगे इश्क़ की एक नई दास्तां......
ले चलेगे आपको उस दौर में
जहां जज़्बात जुबां से नही
आँखों से हुआ करते थे बयां
होंठ रहते थे ख़ामोश मगर,
नज़रे होती थी दिल की जुबां
मेरी नई पेशकश "प्यार हुआ चुपके से" में मिलिये शिव और रति से.......बहुत जल्द.....