मैं और मेरे अह्सास
राम जन्म का पर्व निराला l
आओ मिल झूल के मनाये l
खुशियो की इस बेला में l
घर आँगन को सजाये ll
रघुवंश के वारिस के लिए l
गली गली दीप जलाये ll
राम सीता के स्वागत में l
राम नाम की धूम मचाये ll
उत्सव को चार चांद लगाने l
चलो ढोल नगारे बजाये ll
१७-४-२०२४ सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह