मैं और मेरे अह्सास
जाते वक्त खबर कर देना रोकेंगे नहीं l
पीछे से आवाज़ देकर टोकेंगे नहीं ll
सर सामान देख कर लग रहा है आज l
जा तो एसे रहे हो जैसे कि लौटेंगे नहीं ll
चाहते हैं चैन और सुकूं से आगे बढ़ो l
गर मर्जी है न बोले तो लो बोलेंगे नहीं ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह