मत पीना होली में इतनी,
ठंडाई में मिलाकर भंग।
बीबी की जगह पड़ोसन को,
लग न जाए कहीं रंग।।
घूरती बीबी की नजरें,
देखकर हो जाओगे दंग।
नशा तुरंत उतर जायेगा,
देख लिया जो पड़ोसन के संग।।
महाभारत में देर नहीं होगी,
छिड़ जायेगी दोनों में जंग।
संभाल लेना अपनी प्रिय को,
लगाकर प्रेम से अपने अंग।।
चढ़ गया एक बार प्रेम का रंग,
तो जल्दी नहीं हो पायेगा भंग।
प्रेमरस में डूबकर दोनों का,
खिल जायेगा फिर अंतर्मन।।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री