मतदान
लोकतंत्र का आया महापर्व 'चुनाव'
वक़्त आया देने को अपना-अपना 'सुझाव'।
देश-समाज हित के लिय "मतदान करे"
और खुद पर करे गर्व;
लोकतंत्र का आया महापर्व।
तोड़ दे जात पात की कसौटी,
अपने अपने मत से
इस चुनाव को बनाए
हम सबसे अनोखी।
देने को है इस पर्व मे तीन कुर्बानियाँ
राग-द्वेष-ईर्ष्या;
देकर इन तीनो की क़ुर्बानियाँ
लिखनी है लोकतंत्र की अदभूत कहानियाँ।
"लोकतंत्र का आया महापर्व
वोट देकर करे खुद पर गर्व "
-Anant Dhish Aman