सरस्वती वंदना।
जय जय हे मां हंसवाहिनी हे मां शारदे।
हंस तेरा वाहन है हे मां शारदे।
हंस वाहिनी कहलाती तुम हो हे मां शारदे। हंस पर सवार होकर आओ हे मां शारदे। जय जय हे मां हंसवाहिनी हे मां शारदे।
हंस से निर्मल मन का वरदान दो
हे मां हंस वाहिनी हे मां शारदे।
हंस से गुण वरण करने वाले युक्ति बता दे
हे मां शारदे।
हंस से विवेक दे हे मां शारदे।
हंस समान नीर क्षीर अलग करने वाले
बुद्धि दे हे मां शारदे।
जय जय हे मां शारदे।
हंस से श्वेत धवल उज्जवल निर्मल
तन मन की शुद्धि दे हे मां शारदे।
हंस सा शांत चित्त रमणीय मन का
मुझे उपहार दे हे मां शारदे।
ज्ञान चक्षु खोल दे हे मां शारदे।
अंतर्मन में ज्ञान ज्योति जला दे
हे मां शारदे।
ज्ञान का भंडार दे हे मां शारदे।
अज्ञान तिमिर हर लो हे मां शारदे।
अज्ञानी को ज्ञान दे हे मां शारदे।
विमल मति दे हे मां शारदे।
तमस हरो हे मां शारदे।
कुमति निवार दो हे मां शारदे।
सद्बुद्धि दे हे मां शारदे।
कुबुद्धि नाशिनी तुम हो हे मां शारदे।
शत्रु बुद्धि विनाश करो हे मां शारदे।
परिस्थितियों को सम करो हे मां शारदे।
जीवन को उबार दो हे मां शारदे।
कृपा करो हे मां शारदे।
भावों के भजन स्वीकार करो हे मां शारदे। तुम ही हो माता पिता बंधु सखा हे मां शारदे। भूल चूक माफ करो हे मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम मां शारदे।
जय जय मां शारदे।
-Anita Sinha