कविता में झंकार दे हे मां शारदे।
कविता की अधिष्ठात्री देवी कहलाती तुम
ही हो हे मां शारदे।
कविता लिखने का ज्ञान करा दे हे मां शारदे।
कविता लिखने को प्रेरित करो हे मां शारदे।
कविता लिखने में मुझे प्रवीण बना दे हे मां शारदे।
कविता में तेरा वास होता है हे मां शारदे।
कविता में सुर लय और ताल दे हे मां शारदे।
कविता को नमन करते हैं हे मां शारदे।
कविता को वंदन करते हैं हे मां शारदे।
कविता पर विराजमान रहती तुम हो
हे मां शारदे।
कविता की स्वामिनी तुम हो हे मां शारदे।
कविता का आधार तुम हो हे मां शारदे।
कविता का संसार तुम हो हे मां शारदे।
कविता से तेरी पूजा करें हे मां शारदे।
कविता मनभावन हो हे मां शारदे।
कविता लिखने का उद्गार दे हे मां शारदे।
विमल मति दे हे मां शारदे।
तमस हरो हे मां शारदे।
सद्बुद्धि दे हे मां शारदे।
कुबुद्धि नाशिनी तुम हो हे मां शारदे।
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां शारदे।
धूप दीप और आरती करें हे मां शारदे।
भूल चूक माफ करो हे मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम मां शारदे।
जय जय मां शारदे।
-Anita Sinha