सरस्वती वंदना।
नमामि मां शारदे नमामि मां शारदे।
प्रणत विनत नमामि हे मां शारदे।
विनती करें कर जोड़ कर हे मां शारदे।
तेरी पूजा करें होकर भाव विभोर
हे मां शारदे।
श्वेत कमल अर्पित करें अरुणिम भोर।
तेरे चरणों में समर्पित हैं तन मन धन से
मांगे वरदान विद्या बुद्धि सुमति बहोर।
कोटि-कोटि प्रणाम हे मां शारदे।
जग जननी जग वंदनी तेरी स्तुति करें
भक्ति भाव से होकर विभोर।
तेरे अनुपम रुप सौंदर्य शोभा ज्यों
मुख चंदा ।
तेरे रज रज दर्शन पाएं हे मां शारदे
सदा सर्वदा।
तेरी कृपा जो होवे मुझ अकिंचन दास
पर पा जाए तेरे चरणों में सेवा साधना
का उपहार।
जाएं बलिहार जाएं बलिहार जाएं बलिहार तेरे चरणों में बारम्बार।
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां शारदे।
धूप दीप और आरती करें।
तेरे चरणों में शत कोटि कोटि प्रणाम करें ।
हो जीवन जाज्वल्य मान दो यही वरदान।
रचना में हो तेरा केवल गुण गान।
कलम लिखे तेरी महिमा गान।
बने अब सिर्फ और सिर्फ तेरा कीर्तिमान।
यद्क्षरं पथभ्रष्टं मात्रा हीनं च यद्भवेत्।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरी।
शरणागति स्वीकार करो हे मां शारदे।
दे विमल मति विमल मति विमल मति
हे मां शारदे।
जय जय जय हे मां शारदे।
-Anita Sinha