“तुम्हें क्या बतायें
कि इश्क़ में क्या हाल है?
ना मिली कभी खुशी
सिर्फ़ दिल बेहाल है।
ना कोई सांत्वना ना हीं कोई
इशारा।
मैं लहरों में ढूंढता रह गया
किनारा।
बन गया सनम संगदिल
रह गया वो सिर्फ़ तंग दिल
मैं था वफ़ा का राही
रह गया मैं बिन दिल मिल
तुम मिले ना मिले
दिल खिले ना खिले
कुछ फिकर नहीं
बस तन्हा चल रहा हूं
अकेला चला जा रहा हूं।
हूं मैं प्रेम का पुजारी
बस मन मंदिर की
अपनी देवी चाहता हूं।
ना इधर की बातें
ना उधर की बातें
मैं प्यार बस प्यार
चाहता हूं।
मैं इकरार तेरा
मेरे दिल का करार चाहता हूं।
मैं प्यार प्यार बस
प्यार चाहता हूं।
मैं प्यार प्यार प्यार
सिर्फ़ तेरा प्यार चाहता हूं...”
💕