कलम का सिपाही।
कलम की अधिष्ठात्री देवी कहलाती तुम हो
हे मां शारदे।
कलम को चलाने वाली स्वामिनी तुम हो
हे मां शारदे।
कलम तेरे हाथों पे शोभा पाते हैं हे मां शारदे
कलम चलती रहे हे मां शारदे।
कलम चलाने को सिखा दे मुझे हे मां शारदे।
कलम की अधिकारिणी तुम ही हो हे मां शारदे।
कलम पर विराजमान
रहती हो हे मां शारदे।
कलम पर अधिकार तेरा ही होता है
हे मां शारदे।
कलम को नमन करते हैं हे मां शारदे।
हे कलम की देवी तुम्हें बारंबार प्रणाम है।
तेरे चरणों में ही मेरा तीर्थ धाम है।
कलम का संसार तुम हो हे मां शारदे।
कलम में तेरा वास होता है हे मां शारदे।
कलम को आशीर्वाद दो हे मां शारदे।
कलम तेरे मन भाते हैं हे मां शारदे।
कलम का सिपाही बना दो तुम हे मां शारदे।
तेरे चरणों में शीश नवाएं हे मां शारदे।
तेरे चरणों में जयकारे लगाएं हे मां शारदे।
विमल मति दे हे मां शारदे।
अज्ञान तिमिर हर लो हे मां शारदे।
कुमति निवार कर सुमति दे हे मां शारदे।
अध्यात्म जगत में भ्रमर बन कर विचरण
करते रहें हे मां शारदे।
तेरी पूजा करें हे मां शारदे।
तेरे चरणों में मंगल गीत गाएं हे मां शारदे।
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां शारदे।
धूप दीप और आरती करें हे मां शारदे।
तेरी महिमा बड़ी अपरंपार है हे मां शारदे।
तेरे गुण गान करते थकते नहीं है संसार
हे मां शारदे।
ज्ञान चक्षु खोल दे हे मां शारदे।
भूल चूक माफ करो हे मां शारदे।
कृपा करो हे मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम मां शारदे।
जय जय हे मां शारदे।
-Anita Sinha