मां सरस्वती वंदना।
वाणी की अधिष्ठात्री देवी तुम हो हे मां शारदे। वाणी संसार को तुमसे मिला उपहार
हे मां वाणी हे मां शारदे। वाणी में ओज
हो हे मां शारदे। वाणी में तेज हो हे मां शारदे। वाणी को मधुरिम उद्गार दो हे मां शारदे। वाणी को नियंत्रित करो हे मां शारदे।
वाणी ऐसी दीजिए हे मां शारदे कि हो जाए
दीन दुखियों का उद्धार। हे मां शारदे तेरी महिमा बड़ी है अपरंपार। तेरे चरणों में जाएं बलिहार जाएं बलिहार जाएं बलिहार।
कोटि-कोटि प्रणाम हे मां वाणी हे मां शारदे करो स्वीकार । वाणी गीत लिखने का दो वरदान हे मां शारदे। वाणी गीत से तेरी पूजा करें हे मां शारदे। वाणी बने जग जीत अब
यही दो वरदान हे मां शारदे। वाणी से मिट जाए जग त्रास हे मां शारदे।वाणी को नियंत्रित करो हे मां शारदे। वाणी करावे
जग में मेल हे मां शारदे। वाणी मां नित नित धरें तेरे ध्यान ऐसे ही शब्दों के हो मेल।
वाणी मां अब करुणा और दया का हो मेल।
तेरी आरती करें हे मां शारदे।
तेरे चरणों में फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां शारदे। पुष्पांजलि अर्पित करते हैं हे मां शारदे। हवन पूजन करें हे मां वाणी हे मां शारदे। वाणी से ही होता है जीवन का उद्धार
हे मां शारदे। करो कृपा अपार।
हे मां शारदे । तुम ही हो जीवन आधार
हे मां शारदे। तेरे आगे हम सब हैं प्रणत नमन नतमस्तक । वरद हस्त रहे शीश पर
देकर करो जीवन उद्धार। शत्रु बुद्धि विनाश करो हे मां शारदे। अति का अंत हो हे मां शारदे। विषम परिस्थितियों को दूर करो हे मां शारदे। वाणी को सरस बना देती तुम हो हे मां शारदे। सम परिस्थिति हो हे मां शारदे।
जग मंगल करो हे मां शारदे।
अकिंचन्य दासी अनिता मांगे अभय वरदान
सह संतानों का हे मां शारदे।
सत्कर्मों में लगा ले हे मां शारदे।
तेरे चरणों में शरणागति करो सह संतानों को हे मां शारदे।
मेरी विनती सुनो हे मां शारदे।
जय हो मां वाणी जय हो मां शारदे।
कोटि-कोटि प्रणाम करते हैं तेरे चरणों में
हे मां वाणी हे मां शारदे।
-Anita Sinha