मैं और मेरे अह्सास
बंदगी खुदा की रूह को पावन कर गई l
दिलों दिमाग में चैन और सुकूं भर गई ll
सीखकर जीवन जीने का सही ढंग लो l
साथ सत्संग के जिंन्दगी सभल गई ll
मन का दर्पण साफ़ हो गया बच्चों जैसा l
दुनिया में आने के सही माइने समज गई ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह