नव वर्ष पर नव नव अभिनन्दन।
नव वर्ष तुम्हारा करें स्वागत होकर भाव विभोर।
तिलक चंदन अक्षत पुष्प गुलाब से करें वंदन
अभिनन्दन तेरा ।
मन में हो सबके रंग पलाश ज्यों
लाल पीले गुलाल।
नव वर्ष पर पूजन अर्चन करें हे सूर्य देव
वेला पावन मनभावन अरुणिम भोर।
देश परिवेश विदेश खिले प्रेम
रंग रंगीले उपवन।
हदय वीणा में सबके उठत तरंग बाजत
मृदंग सुर लहरी करत नव नव अभिनन्दन
उठत हिय हिलोर।
बना रहे सबका साथ घर परिवार रहे दीपों
से रौशन।
मंदिर में पूजा की घंटी गूंजते रहे होती रहे
शंख ध्वनि।
शस्य श्यामला धरती पर हरियाली की हो चांदनी।
मन मुदित हो सबके आनंद स्रोत बहता रहे।
प्रेम गंगा बहती रहे मिले नवजीवन ज्यों
चांद तारे और सूरज चमकता रहे नील गगन।
आया है नव वर्ष नव सृजन करने तरु पल्लव
झरने पहाड़ गाए गीत होकर मगन।
विश्व को नव वर्ष पर शुभकामनाएं एवं बधाइयां।
जय जय मां शारदे मां सरस्वती।
कोटि कोटि प्रणाम।
-Anita Sinha