जय मां शारदे।
गुलाब
गुलाब ने कहा कि मैं कांटों के साथ रहता हूं तो
कांटा ही मेरा परम प्रिय सखा है। कांटों पर चलता हूं। कांटों के दम पर ही सुरक्षित जीवन बिताता हूं।
कांटा मेरे पास रहकर कभी नहीं रोता है। हां, कांटा
जब कहीं पर अकेले होता है तो वो हेय दृष्टि से देखा
जाता है और पल पल कोसा जाता है। कांटा फिर
भी कुछ नहीं कहता है। वो लोगों से यही आशा रखता है कि वो लोगों की घृणा का पात्र नहीं बने।
गुलाब फिर कहते हैं कि लोग रास्ते देखकर चलेंगे
तो कांटे नहीं चुभेंगे। मतलब कि जीवन में सतर्कता और सावधानी बरतेंगे तो सकुशल रास्ते पर चलते
रहेंगे। फिर कांटों से वास्ता नहीं होगा। बस हम अपने
अंदर परिवर्तन लाएं जो कि बेहद खास स्टेप है।
गुलाब का प्रिय कांटा कभी कभी गुलाब से पूछता है कि मेरी वजह से तो तुम्हारी कभी तरक्की नहीं
रूक रही है। कांटा कहते हैं कि अवहेलना झेलकर भी मैं जीवन में सेवा कार्य करना नहीं भूलता हूं। मुझे
ईश्वर ने अति उत्तम संगी दिया है उसे ठीक-ठाक
रखने में ही मेरी भलाई है।
अब गुलाब कहते हैं कि कांटा जैसे प्रिय दोस्त
हमें मिला है तो सहेज कर रखना चाहिए हमें गुलाब
को जीवन को एक अलग पहचान बना देता है।
जाहिर है कि वास्तविकता यह है कि कांटों का संगीत
साथी जहान का गुलाब है जो खूबसूरत तो है ही
साथ में सरल और सहज तथा सहदय भी है।
गुलाब से प्रेरित होकर हम भी गुलाब जैसा गुण
अपने अन्दर समाहित करें यही गुलाब को उपहार
होगा हमारा, वो और खिल उठेगा प्रेम पाकर हमारा।
-Anita Sinha