हाथों में रचा के मेहंदी,
पैरों में पहन के पायल
कर नख शिख सोलह सिंगार
ओढ़ लाल चुनर सुहाग की
किया पिया मैंने करवाचौथ उपवास।
हे करवा माता! आज तुझसे
कर जोड़ मांगू ये वरदान
अटल रहे सदा सुहाग मेरा
जैसे सूरज, धरती, तारे, चांद।
प्रीत की डोर रहे मजबूत सदा
ना आए हमारे रिश्ते पर कोई आंच
जीवन की अंतिम सांसो तक
ये अटूट बंधन यूं ही बंधा रहे
प्रभु मेरी इतनी सी है आस।
सरोज ✍️
-Saroj Prajapati