ए जिंदगी
ये तो शुरुआत है जनाब सफर तो अधूरा है
बेशुमार तकलीफों से रूबरू अभी होना है
जिंदगी एक जंग है तो हर पल ही लड़ना है
चोट दिल पर लगे या तूफानों से हो वास्ता
दिल ए कब्रिस्तान में दर्द को दफन होना है
जमाने का गम समेटे धड़कनें बेताब क्यों हो
इस बेज़ार फिज़ा में गुंजन खामोश ही रहना है।।
-गायत्री शर्मा गुँजन