बला की खूबसूरती है उसमे,..
हाय! कैसे ना खो जाते, हम उसमे??
उसके अलावा नजर नही आता है अब तो,
कुछ भी
कैसे रहे दूर,उससे??
जान लेवा मुस्कुराहट है उसकी
तारीफ ही क्या करे, उस कायनात की?
लब्ज़ कम पड़ जाए, जो बया लब्जो में करें
शायरी लिखे तो , साही कम पड़ जाए ,
अगर शायरी भी हम करे
-Anurag Basu